पृथ्वी को एक सुरक्षा कवच की तरह ढके हुए गैसीय आवरण को वायुमंडल कहते हैं, यह हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करता है, हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाता है और मौसम चक्र को नियंत्रित करता हैै.
इस लेख में में हम पृथ्वी के वायुमंडल के बारे में विस्तार से जानेंगे, हम समझेंगे कि वायुमंडल किसे कहते हैं, यह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसकी संरचना कैसी है और इसमें कौन-कौन सी गैसें पाई जाती हैं, साथ ही हम सूर्यताप और वायुमंडलीय दाब जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा करेंगे.
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वायुमंडल किसे कहते हैं
वायुमंडल पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए गैसीय आवरण को कहते हैं, यह एक मिश्रण है जिसमें विभिन्न गैसें, जलवाष्प और धूल के कण होते हैं, यह पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, वायुमंडल हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाता है, तापमान को नियंत्रित करता है और मौसम चक्र को संचालित करता है.
वायुमंडल मुख्य रूप से नाइट्रोजन (लगभग 78%) और ऑक्सीजन (लगभग 21%) से बना होता है, शेष 1% में अन्य गैसें जैसे आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प और विभिन्न प्रकार के धूल के कण शामिल हैं, वायुमंडल की विभिन्न परतें होती हैं, जैसे क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, तापमंडल और बाह्यमंडल, प्रत्येक परत की अपनी विशिष्ट विशेषताएं होती हैं.
वायुमंडल पृथ्वी के लिए एक सुरक्षात्मक आवरण की तरह काम करता है, यह हमें उल्कापिंडों से बचाता है और ध्वनि को अवशोषित करता है, वायुमंडल में मौजूद ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाती है.
वायुमंडल का महत्व
वायुमंडल किसी भी ग्रह के लिए, खासकर जीवन के अस्तित्व के लिए, अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, यह एक ग्रह की सतह को आकार देने और उसकी जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, पृथ्वी के वायुमंडल में विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है, जो पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाता है.
वायुमंडल पृथ्वी के पर्यावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है और पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करता है, वायुमंडल में मौजूद ओजोन परत इस महत्वपूर्ण कार्य को करती है.
वायुमंडल विभिन्न मौसमी घटनाओं जैसे बारिश, हवा और तूफान को भी नियंत्रित करता है, वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन मौसम में बदलाव लाते हैं.
अब आप समझ गए होंगे कि वायुमंडल किसे कहते हैं, आइए अब वायुमंडल की संरचना और वायुमंडल में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण गैसों के बारे में जानते हैं.
वायुमंडल की संरचना
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायुमंडल कई परतों से मिलकर बना है, ये परतें अलग-अलग तापमान, घनत्व और गैसों की मात्रा के कारण एक-दूसरे से भिन्न होती हैं, आइए इन परतों के बारे में विस्तार से जानें.
1. क्षोभमंडल (Troposphere)
यह वायुमंडल की सबसे निचली और घनी परत है, यहीं पर हम रहते हैं और सभी मौसमी घटनाएं जैसे बारिश, बर्फबारी, तूफान आदि घटित होती हैं, क्षोभमंडल की ऊंचाई ध्रुवों पर लगभग 8 किमी और विषुवत रेखा पर लगभग 18 किमी तक होती है, इस मंडल में तापमान ऊंचाई के साथ लगातार घटता जाता है, क्षोभमंडल में वायुमंडल के कुल द्रव्यमान का लगभग 75% हिस्सा होता है.
क्षोभमंडल में जलवाष्प की मात्रा अधिक होती है जो बादलों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इस मंडल में वायु धाराएं भी होती हैं जो ऊष्मा और आर्द्रता को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती हैं, वायु प्रदूषण भी मुख्यतः क्षोभमंडल में ही होता है.
2. समतापमंडल (Stratosphere)
क्षोभमंडल के ऊपर समतापमंडल स्थित होता है, इस मंडल में ओजोन परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी को सुरक्षित रखती है, समतापमंडल में तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है क्योंकि यहां ओजोन परत सूर्य की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके ऊष्मा उत्पन्न करती है.
समतापमंडल में वायु बहुत शुष्क होती है और यहां बादल नहीं बनते हैं, इसीलिए इस मंडल को वायुयानों के उड़ान भरने के लिए आदर्श माना जाता है, समतापमंडल की ऊंचाई लगभग 50 किमी तक होती है.
3. मध्यमंडल (Mesosphere)
समतापमंडल के ऊपर मध्यमंडल स्थित होता है, इस मंडल में तापमान ऊंचाई के साथ फिर से घटने लगता है, मध्यमंडल की ऊंचाई लगभग 80 किमी तक होती है, इस मंडल में अंतरिक्ष से आने वाले उल्का पिंड जलकर नष्ट हो जाते हैं, मध्यमंडल में वायु बहुत पतली होती है और यहां वायुमंडलीय दबाव बहुत कम होता है.
4. आयनमंडल (Ionosphere)
आयनमंडल पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जो 80 से 1000 किमी की ऊंचाई तक फैली हुई है, सूर्य की पराबैंगनी किरणें, एक्स-रे और कॉस्मिक किरणें यहां की गैसों को आयनित कर देती हैं, इसलिए इसका नाम आयनमंडल है.
यह निश्चित आवृत्ति रेंज की रेडियो तरंगों को परावर्तित करता है, जिससे दूरसंचार संभव होता हैै, आयनमंडल को D, E, F1 और F2 नामक चार मुख्य परतों में बांटा गया है, इसके अलावा कई अन्य छोटी परतें भी होती हैं, ये परतें अलग-अलग आवृत्तियों की रेडियो तरंगों को परावर्तित करती हैं.
इनकी विशेषताएं मौसम, सूर्य की गतिविधियों, भू चुंबकीय तूफानों और अन्य अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं के आधार पर बदलती रहती हैं, आयनमंडल पृथ्वी को हानिकारक कॉस्मिक किरणों से बचाता है, जिससे पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है, यह GPS नेविगेशन, उपग्रह संचार और अंतरिक्ष यान के लिए भी महत्वपूर्ण हैै.
5. बाह्यमंडल (Exosphere)
आयनमंडल के ऊपर बाह्यमंडल स्थित होता है, यह वायुमंडल की सबसे बाहरी परत है, इस मंडल में वायु बहुत पतली होती है और यहां वायुमंडलीय दबाव लगभग शून्य होता है, बाह्यमंडल से हल्की गैसें जैसे हाइड्रोजन और हीलियम अंतरिक्ष में खो जाती हैं.
वायुमंडल की संरचना पृथ्वी पर जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, विभिन्न परतें अलग-अलग कार्य करती हैं और एक साथ मिलकर पृथ्वी को एक अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं.
वायुमंडल में पाए जाने वाली महत्वपूर्ण गैसें
वायुमंडल, पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए गैसों का एक मिश्रण है, यह मिश्रण कई गैसों से मिलकर बना है, जिनमें से कुछ की मात्रा अधिक होती है और कुछ की कम, ये गैसें पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, आइए इन गैसों के बारे में विस्तार से जानें.
नाइट्रोजन (Nitrogen)
नाइट्रोजन वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है, यह लगभग 78% है, नाइट्रोजन जीवों के लिए प्रोटीन बनाने के लिए आवश्यक है, यह एक निष्क्रिय गैस है, जिसका अर्थ है कि यह अन्य तत्वों के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती है.
ऑक्सीजन (Oxygen)
ऑक्सीजन वायुमंडल में दूसरी सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है, यह लगभग 21% है, सभी जीवित प्राणी सांस लेने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलते हैं.
आर्गन (Argon)
आर्गन वायुमंडल में तीसरी सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है, यह एक निष्क्रिय गैस है और इसका उपयोग कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है.
कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide)
कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में एक महत्वपूर्ण गैस है, यह पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण के लिए उपयोग की जाती है, हाल के वर्षों में, मानवीय गतिविधियों के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग हो रही है.
वायुमंडल में इन गैसों के अलावा, अन्य कई गैसें भी पाई जाती हैं, जैसे कि नियॉन, हीलियम, मीथेन और ओजोन, ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है.
पृथ्वी के वायुमंडल में गैसों की मात्रा
आपने पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद प्रमुख गैसों और उनकी मात्रा के बारे में एक सटीक सूची प्रदान की है, यह जानकारी पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, प्रमुख गैसें और उनकी भूमिका.
नाइट्रोजन (78.08%) - यह वायुमंडल की सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस है, यह जीवों के लिए सीधे उपयोगी नहीं होती है, लेकिन यह वायुमंडल को स्थिर रखने में मदद करती है.
ऑक्सीजन (20.94%) - यह जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण गैस है, हम सभी जीव ऑक्सीजन का उपयोग श्वसन के लिए करते हैं, पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
आर्गन (0.93%) - यह एक निष्क्रिय गैस है, जिसका वायुमंडल में कोई विशेष कार्य नहीं होता है.
कार्बन डाइऑक्साइड (0.03%) - यह गैस पौधों के लिए भोजन बनाने की प्रक्रिया में आवश्यक होती है, हालाँकि, इसकी अधिक मात्रा ग्लोबल वार्मिंग का कारण बन सकती है.
नियान और हिलियम - ये दोनों ही अक्रिय गैसें हैं और इनका वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाया जाना
ओजोन (0.00006%) - यह गैस पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है.
वायुमंडल का तापन और वायुदाब
पृथ्वी का वायुमंडल एक विशाल गैसीय परत है जो हमारी पृथ्वी को ढके हुए है, यह परत लगातार गतिशील रहती है और इस गतिशीलता का मुख्य कारण सूर्य से प्राप्त ऊर्जा और वायुमंडल में दबाव में होने वाले बदलाव हैं.
सूर्यताप
सूर्य एक विशाल तारा है जो लगातार ऊर्जा उत्पन्न करता है, यह ऊर्जा मुख्यतः प्रकाश और गर्मी के रूप में पृथ्वी तक पहुंचती है, जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो इसका कुछ हिस्सा बादलों द्वारा वापस अंतरिक्ष में भेज दिया जाता है, कुछ हिस्सा वायुमंडल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, और शेष हिस्सा पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है.
वायुमंडल कैसे गर्म होता है
वायुमंडल के गर्म होने की कई प्रक्रियाएं होती हैं, इनमें से मुख्य प्रक्रियाएं इस प्रकार हैं.
ऊर्जा का विकिरण - सूर्य का प्रकाश सीधे पृथ्वी की सतह और वायुमंडल को गर्म करता है, यह ठीक उसी तरह है जैसे हम सर्दियों में धूप में बैठकर गर्म महसूस करते हैं.
चालन - जब गर्म सतह ठंडी हवा के संपर्क में आती है, तो गर्मी हवा में स्थानांतरित हो जाती है, यह ठीक उसी तरह है जैसे जब हम एक गर्म पैन को छूते हैं तो हमें गर्मी महसूस होती है.
संवहन - गर्म हवा हल्की होती है, इसलिए यह ऊपर उठती है और ठंडी हवा नीचे आती है, इसे संवहन कहते हैं. एक उदाहरण के लिए, जब हम एक पैन में पानी गर्म करते हैं, तो पानी के निचले हिस्से से गर्म पानी ऊपर उठता है और ठंडा पानी नीचे आता है.
अभीवहन - हवाओं के द्वारा ऊष्मा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण होता है.
वायुमंडलीय दाब
वायुमंडलीय दाब पृथ्वी के वायुमंडल का भार है जो पृथ्वी की सतह पर एक बल लगाता है, यह ऊँचाई बढ़ने के साथ घटता है, तापमान बढ़ने पर घटता है और तापमान घटने पर बढ़ता है, जलवाष्प की मात्रा भी इसे प्रभावित करती है; अधिक जलवाष्प कम दाब का कारण बनती है, वायुदाब को बैरोमीटर से मापा जाता है और मौसम के पूर्वानुमान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
पृथ्वी पर वायुदाब के सात क्षेत्र हैं, जिनमें तीन निम्न दाब और चार उच्च दाब क्षेत्र शामिल हैं, भूमध्य रेखा के आसपास निम्न दाब का क्षेत्र होता है जहां तापमान अधिक होता है, जबकि उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उच्च दाब होता है, उपध्रुवीय क्षेत्रों में फिर से निम्न दाब होता है, और ध्रुवों पर उच्च दाब होता है, ये दाब क्षेत्र पवन प्रणालियों और मौसम के पैटर्न को प्रभावित करते हैं.
विभिन्न ग्रहों के वायुमंडल
सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर भी वायुमंडल पाया जाता है, हालांकि इनकी संरचना और घनत्व पृथ्वी से काफी भिन्न हैं, आइए विभिन्न ग्रहों के वायुमंडल के बारे में विस्तार से जानें.
बुध - बुध ग्रह का वायुमंडल बहुत पतला है और इसमें मुख्य रूप से हाइड्रोजन, हीलियम और कुछ अन्य तत्व पाए जाते हैं, बुध सूर्य के सबसे निकट होने के कारण इसका तापमान बेहद अधिक होता हैै.
शुक्र - शुक्र ग्रह का वायुमंडल मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड से बना है, जिसके कारण यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह हैै.
मंगल - मंगल ग्रह का वायुमंडल पृथ्वी की तुलना में बहुत पतला है और इसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन गैसें पाई जाती हैंं.
बृहस्पति और शनि - ये दोनों गैस दानव ग्रह हैं और इनके वायुमंडल में मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसें पाई जाती हैं.
अरुण और वरुण - ये दोनों बर्फ के दानव ग्रह हैं और इनके वायुमंडल में हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन गैसें पाई जाती हैं.
विभिन्न ग्रहों के वायुमंडल की संरचना और तापमान में इस तरह के अंतर का मुख्य कारण ग्रहों का आकार, द्रव्यमान, सूर्य से दूरी और भौगोलिक स्थिति है.
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निष्कर्ष: vayumandal kise kahate hain
पृथ्वी का वायुमंडल एक अद्भुत और जटिल प्रणाली है जो जीवन के लिए आवश्यक है, यह न केवल हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करता है, बल्कि पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करता है, हानिकारक विकिरण से हमारी रक्षा करता है और मौसम चक्र को संचालित करता है, वायुमंडल की विभिन्न परतें और उनमें मौजूद गैसों का संतुलन पृथ्वी को एक रहने योग्य ग्रह बनाता है.
हालांकि, मानवीय गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जो वायु मण्डल के संतुलन को बिगाड़ रही हैं, इसलिए, हमें वायु प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे.
इस लेख में आपने पृथ्वी के वायुमंडलीय आवरण का विस्तृत अध्ययन किया है, आपने वायुमंडल की परिभाषा, संरचना और वायुमंडलीय मौजूद गैसों के बारे में जाना. इसके साथ ही आपने सूर्यताप और वायुमंडलीय दबाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों को भी समझा है.
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