आकाशीय बिजली क्या है और यह कैसे बनती है?
हम सभी ने कभी न कभी आकाश में बिजली को चमकते हुए देखा है, कुछ लोगों को यह दृश्य अच्छा लगता है तो कुछ लोग इससे बहुत डर जाते हैं.
इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि आकाशीय बिजली क्या है, आकाशीय बिजली कैसे बनती है, इसके प्रकार और आकाशीय बिजली से बचने के उपाय आदि. कृपया लेख में अंत तक बने रहें.
आकाशीय बिजली क्या है (Akashiya Bijli Kya Hai)
आसमान से गिरने वाली बिजली हमारे घरों में आने वाली बिजली के समान होती है लेकिन दोनों में बहुत अंतर भी है, हमारे घरों में बिजली की आपूर्ति 220-240 वोल्ट के बीच होती है जबकि आकाशीय बिजली में वोल्टेज 100 मिलियन तक हो सकता है.
घरों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों द्वारा खपत किए जाने वाला एम्पीयर भार उनके उपयोग पर निर्भर करता है, जबकि आकाशीय बिजली, कम करंट, उच्च वोल्टेज और तापमान के कारण घरों की बिजली से अत्यधिक खतरनाक होती है,
आकाशीय बिजली का तापमान 27,000°C से 30,000°C तक हो सकता है, जो सूर्य की सतह के तापमान से भी अधिक है, यह इतनी तेज होती है कि इसका प्रवाह पृथ्वी पर 0.002 से 0.005 सेकंड के बीच ही होता है.
अब तक आप समझ गए होंगे कि आकाशीय बिजली क्या होती है, अब हम जानेंगे कि आकाशीय बिजली कैसे बनती है और आकाशीय बिजली कैसे गिरती है.
आकाशीय बिजली कैसे बनती है (Akashiya Bijli Kaise Banti Hai)
आकाशीय बिजली, जिसे वज्रपात भी कहा जाता है, यह बादलों में बनती है और तीव्र प्रकाश और ध्वनि के साथ जमीन पर गिरती है यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं.
गर्मी - गर्मी के कारण पानी वाष्पित होकर हवा में उठता है, यह वाष्प बादलों का निर्माण करता है.
घर्षण - बादलों में हवा के झोंकों के कारण बर्फ के टुकड़े और पानी की बूंदें आपस में टकराती हैं, इस टकराव के कारण घर्षण पैदा होता है.
विद्युत आवेश - घर्षण के कारण बर्फ के टुकड़े और पानी की बूंदें विद्युत आवेशित हो जाती हैं, धनात्मक आवेश (पॉजिटिव चार्ज) बादल के ऊपरी भाग में इकट्ठा होता है, जबकि ऋणात्मक आवेश (नेगेटिव चार्ज) नीचे की ओर इकट्ठा होता है.
आयनीकरण - ऋणात्मक आवेश, धनात्मक आवेश की तलाश में जमीन की ओर आकर्षित होता है, जब यह जमीन के करीब पहुंचता है तो यह जमीन या किसी ऊंची वस्तु (जैसे पेड़, इमारत) से धनात्मक आवेश की ओर आकर्षित होता है, ऋणात्मक आवेश और धनात्मक आवेश के बीच हवा का आयनीकरण होता है जिससे बिजली का एक मार्ग बनता है.
विद्युत प्रवाह - ऋणात्मक आवेश इस मार्ग से जमीन की ओर बहता है जिससे तीव्र प्रकाश और ध्वनि उत्पन्न होती है, इसे ही आकाशीय बिजली या वज्रपात कहते हैं.
आकाशीय बिजली कैसे गिरती है (Akashiya Bijli Kaise Girti Hai)
बादलों में विद्युत आवेश बनने के बाद, ऋणात्मक आवेश धनात्मक आवेश की तलाश में जमीन की ओर आकर्षित होता है, यह जमीन या किसी ऊंची वस्तु (जैसे पेड़, इमारत) से धनात्मक आवेश की ओर खिंचता है, हवा का आयनीकरण होता है जिससे बिजली का मार्ग बनता है. ऋणात्मक आवेश इस मार्ग से जमीन की ओर बहता है और तीव्र प्रकाश और ध्वनि उत्पन्न करता है, यही आकाशीय बिजली या वज्रपात कहलाती है.
सरल शब्दों में, जब बादलों में विद्युत आवेश का असंतुलन होता है, तो ऋणात्मक आवेश धनात्मक आवेश की तलाश में जमीन की ओर आकर्षित होता है, यह हवा का आयनीकरण करता है जिससे बिजली का मार्ग बनता है, ऋणात्मक आवेश इस मार्ग से जमीन की ओर बहता है जिससे तीव्र प्रकाश और ध्वनि उत्पन्न होती है इसे ही बिजली गिरना या लाइटनिंग स्ट्राइक्स कहा जाता है.
बिजली गिरने पर 10 करोड़ वोल्ट तक का वोल्टेज और 2000-3000 एम्पीयर का करंट होता है जो इंसानी शरीर के लिए घातक हो सकता है.
आसमानी बिजली के प्रकार (Aakasiya Bijali Ke Prakar)
आसमानी बिजली के तीन मुख्य प्रकार होते हैं जो इस तरह हैं -
इंट्रा-क्लाउड लाइटनिंग वह है जो एक ही बादल के भीतर होती है, यह सबसे आम प्रकार की बिजली है.
क्लाउड-टू-क्लाउड लाइटनिंग वह है जो एक बादल से दूसरे बादल में जाती है, यह इंट्रा-क्लाउड लाइटनिंग की तुलना में कम आम है लेकिन यह अभी भी अपेक्षाकृत आम है.
क्लाउड-टू-ग्राउंड लाइटनिंग वह है जो एक बादल से जमीन तक जाती है, यह बिजली का सबसे कम आम प्रकार है, लेकिन यह सबसे खतरनाक भी है.
आसमानी बिजली के अन्य, आम प्रकार भी हैं जिनमें शामिल हैं -
क्लाउड-टू-एयर लाइटनिंग वह है जो एक बादल से ऊपरी वायुमंडल तक जाती है.
वायु-से-वायु बिजली वह है जो ऊपरी वायुमंडल में होती है.
वायु-से-भूमि बिजली वह है जो ऊपरी वायुमंडल से जमीन तक जाती है.
सर्वाधिक बिजली कहाँ गिरती है?
दुनियां में सबसे ज्यादा बिजली गिरने वाले क्षेत्रों में शामिल हैं -
केंद्रीय अफ्रीका - यह क्षेत्र दुनिया में सबसे ज्यादा बिजली गिरने वाला क्षेत्र है, खासकर कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा और नाइजीरिया.
दक्षिण अमेरिका - वेनेजुएला, कोलंबिया और ब्राजील में बिजली गिरने की घटनाएं बहुत ज्यादा होती हैं.
दक्षिण-पूर्व एशिया - इंडोनेशिया, भारत और बांग्लादेश में भी बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं.
उत्तर अमेरिका - फ्लोरिडा, टेक्सास और ओक्लाहोमा जैसे अमेरिकी राज्यों में भी बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
भारत में, बिजली गिरने के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे है, इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल का नंबर आता है, इन राज्यों के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं.
बिजली गिरने के मुख्य कारण
1. ऊंचाई - ऊंचे पहाड़, इमारतें, और घने जंगल बिजली गिरने के खतरे को बढ़ा सकते हैं.
2. मौसम - तूफान और भारी बारिश वाले क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना अधिक होती है.
3. जलवायु - उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बिजली गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं.
आकाशीय बिजली से बचने के उपाय (Akashiya Bijli Se Bachne Ke Upay)
सुरक्षित स्थान पर रहें - तूफान के दौरान घर के अंदर रहें, यदि आप बाहर हैं तो किसी मजबूत इमारत या कार में शरण लें.
ऊंची चीजों से दूर रहें - ऊंचे पेड़ों, बिजली के खंभों और इमारतों से दूर रहें.
धातु की वस्तुओं से दूर रहें - धातु की वस्तुएं बिजली को आकर्षित करती हैं। तूफान के दौरान गहने, घड़ियां और मोबाइल फोन जैसे धातु की वस्तुओं को उतार दें.
खुले मैदान में न खड़े हों - तूफान के दौरान खुले मैदान में खड़े होने से बचें.
गाड़ी चलाते समय सावधान रहें - तूफान के दौरान गाड़ी चलाने से बचें, यदि आपको गाड़ी चलाना ही है तो कार के अंदर रहें और खिड़कियां बंद रखें.
यदि किसी पर आकाशीय बिजली गिर जाए तो तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएं.
आकाशीय बिजली गिरना एक खतरनाक घटना है, यह हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और इससे गंभीर चोटें या मृत्यु भी हो सकती है, यदि किसी पर आकाशीय बिजली गिर जाए तो तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देना महत्वपूर्ण है.
सुरक्षा के लिए, यदि पीड़ित खुले में है तो उसे तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएं, जैसे कि किसी इमारत या कार के अंदर. बिजली गिरने से पीड़ित व्यक्ति को छूना सुरक्षित है लेकिन उन्हें हिलाने या उठाने की कोशिश न करें, इससे चोटें बढ़ सकती हैं. यदि पीड़ित जल रहा है तो आग बुझाने के लिए पानी या अग्निशामक यंत्र का उपयोग करें.
प्राथमिक चिकित्सा के लिए यदि पीड़ित बेहोश है तो उसकी चेतना और सांस लेने की जांच करें, यदि वह सांस नहीं ले रहा है, तो उसे सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देना शुरू करें, तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें और उन्हें बताएं कि किसी पर आकाशीय बिजली गिर गई है, पीड़ित को गर्म कपड़े या कंबल से ढककर गर्म रखें जब तक कि वह पूरी तरह से होश में न आ जाए, उसे कुछ भी न खिलाएं या पिलाएं जब तक कि एम्बुलेंस न आ जाए और पीड़ित को अकेला न छोड़ें.
घरों को आकाशीय बिजली से कैसे बचाएं?
घरों को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए कई तरीके हैं, जिसमें सबसे प्रमुख और आसान तकनीक है लाइटनिंग रॉड की अवधारणा, लाइटनिंग रॉड तांबे की बनी होती है.
इसे घर के ऊपर स्थापित कर उस पर तार लगाकर उस तार को जमीन पर गहराई तक गाढ़ा जाता है जिससे उस क्षेत्र में कितनी भी तेज बिजली क्यों न गिरे वह बिना किसी नुकसान के जमीन में विलीन हो जाती है.
यही मुख्य कारण है कि टेलीफोन टावर आदि में भी लाइटनिंग रॉड लगाई जाती हैं ताकि बिजली बिना किसी नुकसान के जमीन के अंदर समा जाए.
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FAQ Section: Akashiya bijli kya hai aur kaise banti hai
प्रश्न - तड़ित से आप क्या समझते हैं.
उत्तर - तड़ित, जिसे बिजली गिरना भी कहा जाता है, वायुमंडल में विद्युत आवेश के अचानक निर्वहन से उत्पन्न प्रकाश और ध्वनि की घटना है, यह आमतौर पर बादलों के बीच या बादलों से जमीन तक होती है.
प्रश्न - बादल गरजने की आवाज कैसे आती है.
उत्तर - जब बादलों में बिजली गिरती है, तो यह एक तीव्र विस्फोट पैदा करता है जो हवा को तेज़ी से गर्म और फैलाता है, यह फैलती हुई हवा एक ध्वनि तरंग बनाती है जिसे हम वज्र के रूप में सुनते हैं.
प्रश्न - किसी इंसान पर बिजली कैसे गिरती है.
उत्तर - जब बादलों में विद्युत आवेश बनता है तो यह चैनल के रूप में बादल से बाहर निकलता है, यह चैनल हवा को गर्म करता है जिससे विस्फोट होता है और वज्र की आवाज सुनाई देती है. चैनल जमीन की ओर बढ़ता है और कम प्रतिरोध वाले मार्ग का अनुसरण करता है, यदि मार्ग में व्यक्ति हो तो उस पर बिजली गिर सकती है.
निष्कर्ष: आकाशीय बिजली क्या है और यह कैसे बनती है?
आकाशीय बिजली प्रकृति का एक अद्भुत और विनाशकारी प्रदर्शन है, यह एक शक्तिशाली प्राकृतिक घटना है जो हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है.
इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि Akashiya bijli kya hai aur aasman me bijli kaise banti hai, आसमानी बिजली के प्रकार और आकाशीय बिजली से बचने के उपाय आदि.
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Very informetiv
ReplyDeleteDhanywad
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